"बांस की खेती है - हरा सोना"
उद्देश्य:
राष्ट्रीय बांस मिशन का लक्ष्य देश में बांस आधारित आजीविका को बढ़ावा देना, बांस की उत्पादकता और उपयोगिता में सुधार करना, और स्थानीय बांस आधारित उद्योगों को सहयोग देना है।
बांस क्षेत्र का एकीकृत विकास – नर्सरी से लेकर उत्पाद निर्माण तक।
बांस की खेती और प्रबंधन को प्रोत्साहित करना – किसानों, SHGs, FPOs के माध्यम से।
स्थानीय और पारंपरिक ज्ञान का उपयोग – कौशल विकास और रोजगार सृजन हेतु।
बाजार से जुड़ाव और मूल्य संवर्धन – MSMEs और बांस आधारित उद्योगों को सहायता।
पर्यावरणीय लाभ – कार्बन फिक्सेशन, भूमि की रक्षा, और जलवायु लचीलापन।
नर्सरी विकास – निजी/सरकारी क्षेत्र में बांस पौधों की गुणवत्ता वृद्धि।
क्षेत्र विस्तार (Area Expansion) – बांस की नई खेती और बंजर भूमि का उपयोग।
प्राकृतिक वानिकी में हस्तक्षेप – मौजूदा बांस वनों का संरक्षण और उन्नयन।
बांस आधारित उत्पाद निर्माण और मूल्य संवर्धन – मशीनरी, प्रशिक्षण, शिल्पकला।
बाजार संपर्क और आपूर्ति श्रृंखला सुदृढ़ीकरण – मंडी, ब्रांडिंग, पैकेजिंग।
भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बांस मिशन (NBM) के तहत किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु, पुनरीक्षित गाइडलाइन (वर्ष 2025) के अनुसार कृषि भूमि पर बांस पौधारोपण के लिए ₹150 प्रति पौधा की दर से 50% अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
अनुदान दर: ₹150 प्रति पौधा (50% अनुदान)
प्रति किसान अधिकतम सीमा: 10 हेक्टेयर / 4000 पौधे तक
पहली किस्त: ₹60 प्रति जीवित पौधा (माह अगस्त–सितंबर में सत्यापन के आधार पर)
दूसरी किस्त: ₹30 प्रति जीवित पौधा (माह नवंबर–दिसंबर में सत्यापन के आधार पर)
राशि: ₹60 प्रति पौधा (माह नवंबर–दिसंबर में जीवित पौधों के आधार पर)
👉 जीवितता प्रतिशत के आधार पर अनुदान वितरण की शर्तें:
यदि 80% या अधिक पौधे जीवित हैं: पूर्ण अनुदान ₹60 प्रति पौधा (मूल पौधों व पुनः रोपण सहित)
यदि 50% से 80% के बीच जीवित हैं: वास्तविक जीवित पौधों की संख्या के अनुसार अनुदान
कृषक द्वारा आवेदन
निर्धारित प्रारूप में इच्छुक कृषक आवेदन प्रस्तुत करेंगे।
वनमंडलाधिकारी द्वारा सत्यापन
स्थल निरीक्षण कर जीवित पौधों का सत्यापन कराया जाएगा।
अनुदान स्वीकृति एवं भुगतान
सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर अनुदान स्वीकृत कर कृषक के खाते में भुगतान किया जाएगा।
कृषकों को बांस उत्पादन हेतु प्रोत्साहित करना।
सतत आजीविका एवं हरित आवरण में वृद्धि।
ग्रामीण क्षेत्रों में बांस आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना।
💡 नोट: यह योजना केवल उन्हीं कृषकों के लिए मान्य है जो कृषि भूमि पर बांस पौधारोपण करते हैं और निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करते हैं।